What is Saving & Investment? – बचत और निवेश से क्या अभिप्राय है?

बचत: किसी व्यक्ति की आय का वह भाग, जिसका उपभोग नहीं किया जाता, उसको बचत कहा जाता है. बचत को एक प्रकार से उपभोग का त्याग भी कहा जा सकता है. बचत का प्रयोग निवेश करने में किया जा सकता है. निवेश: किसी व्यक्ति द्वारा आय अर्जित करने के लिए …

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Difference between Producer & Consumer – उत्पादक और उपभोक्ता में क्या अंतर है?

उत्पादक: “जो व्यक्ति आय अर्जित करने के लिए वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करता है उसे उत्पादक कहा जाता है.” ‘आगतों का निर्गतों में रूपांतरण उत्पादन कहलाता है.’ जब व्यक्ति कोई वस्तुएँ बनाकर बेच रहे होते हैं तो वे उन वस्तुओं के उत्पादक कहलाते हैं. जब कोई व्यक्ति अपनी सेवाएँ …

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What is Consumption? – उपभोग क्या होता है?

“उपभोग एक क्रिया है जिसके द्वारा अपनी आवश्यकताओं की प्रत्यक्ष संतुष्टि के लिए वस्तुओं और सेवाओं के उपयोगिता मूल्य का प्रयोग किया जाता है.” पृथ्वी पर उपलब्ध सभी वस्तुओं में किसी ने किसी प्रकार की उपयोगिता पाई जाती है, जो मानव की आवश्यकताओं को संतुष्ट करती है. वस्तुओं में पाई …

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Difference between Micro & Macro Economics – व्यष्टि और समष्टि अर्थशास्त्र में क्या अंतर है?

अर्थशास्त्र को 1933 में प्रसिद्ध अर्थशास्त्री रागनार फ्रिश (Ragnar Frisch) ने दो भागों में बांटा था: व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र. व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र में निम्नलिखित अंतर हैं: व्यष्टि अर्थशास्त्र समष्टि अर्थशास्त्र 1. व्यष्टि अर्थशास्त्र में व्यक्तिगत आर्थिक इकाई के आर्थिक व्यवहार का अध्ययन किया जाता है, जैसे …

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What is production? – उत्पादन क्या होता है?

“उपयोगिता का सृजन करना उत्पादन कहलाता है.” एक अन्य परिभाषा के अनुसार:- “आगतों का निर्गतों में रूपांतरण उत्पादन कहलाता है.” कोई भी वस्तु जो हमारी आवश्यकता को पूरा करती है वह हमारे लिए उपयोगी होती है. अलग-अलग वस्तुओं में उपयोगिता का स्तर अलग-अलग होता है. हम वस्तुओं के रूप या …

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Scarcity problem is the basic problem of economics – दुर्लभता की समस्या अर्थशास्त्र की मूल समस्या है

मनुष्य की आवश्यकताएँ असीमित होती हैं. मनुष्य की इच्छाएँ और लालसाएँ अंतहीन हैं. मनुष्य कभी भी पूर्ण रूप से संतुष्ट नहीं होता है. जबकि इन इच्छाओं को पूरा करने वाले साधन सदैव सीमित होते हैं तथा इन साधनों के प्रयोग भी अलग-अलग प्रकार से किए जा सकते हैं. उदाहरण के …

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Difference between economics & non-economic activities – आर्थिक क्रिया और गैर आर्थिक क्रिया में क्या अंतर है?

आर्थिक क्रियाएँ :- वे सभी क्रियाएँ जो धन के लेनदेन से संबंधित होती हैं, आर्थिक क्रियाएँ कहलाती हैं. गैर आर्थिक क्रियाएँ :- वे सभी क्रियाएँ जो धन के लेनदेन से संबंधित नहीं होती, गैर आर्थिक क्रियाएँ कहलाती हैं. अर्थशास्त्र के अंतर्गत केवल उन्हीं क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है जो …

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There are three kinds of lies: lies, damned lies and statistics – झूठ तीन प्रकार के होते हैं: झूठ, सफेद झूठ तथा सांख्यिकी !

जहाँ एक ओर सांख्यिकी, तथ्यों के विश्लेषण का एक महत्वपूर्ण साधन है, वहीं जानकारी के अभाव में इसका दुरुपयोग भी हो सकता है, जो इसकी विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। इसीलिए डिजरायली ने कहा है – “झूठ के तीन प्रकार हैं – झूठ, सफेद झूठ तथा सांख्यिकी।” “There are three …

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Stages of Statistical Study/सांख्यिकी अध्ययन की अवस्थाएँ

सांख्यिकी के अध्ययन की निम्नलिखित पाँच अवस्थाएँ हैं: अवस्था एक – आँकड़ों का संकलन (Collection of Data)अवस्था दो – आँकड़ों का व्यवस्थितीकरण (Organization of Data)अवस्था तीन – आँकड़ों का प्रस्तुतीकरण (Presentation of Data)अवस्था चार – आँकड़ों का विश्लेषण (Analysis of Data)अवस्था पाँच – आँकड़ों का निर्वचन (Interpretation of Data) अवस्था …

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Importance of Statistics in Economics/अर्थशास्त्र में सांख्यिकी का महत्व

(1) आर्थिक समस्याओं को संख्याओं में व्यक्त करना: सांख्यिकी का प्रयोग करके हम अर्थशास्त्र की आर्थिक समस्याओं को संख्याओं में व्यक्त कर सकते हैं और संख्याओं का विश्लेषण करके परिणाम निकाल सकते हैं और भविष्य के लिए अनुमान भी लगा सकते हैं। उदाहरण के लिए किसी देश के लोगों की …

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