1. पूर्ति से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: वह मात्रा जो एक बाजार में किसी निश्चित समय पर विभिन्न कीमतों पर बिक्री के लिए प्रस्तुत की जाती है, वस्तु की पूर्ति कहलाती है।
2. पूर्ति की मात्रा से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: किसी वस्तु की वह विशेष मात्रा जो एक निश्चित समय में निश्चित कीमत पर बिक्री के लिए प्रस्तुत की जाती है पूर्ति की मात्रा कहलाती है।
3. पूर्ति और स्टॉक में क्या अंतर है?
उत्तर: पूर्ति विभिन्न संभव बिंदुओं पर बिक्री के लिए प्रस्तुत की गई मात्रा है। स्टॉक वस्तु की कुल मात्रा है जो किसी समय में विक्रेता के पास उपलब्ध है।
4. पूर्ति अनुसूची से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: वह तालिका जो पूर्ति और कीमत के संबंध को दर्शाती है पूर्ति अनुसूची कहलाती है।
5. पूर्ति अनुसूची कितने प्रकार की होती है?
उत्तर: पूर्ति अनुसूची दो प्रकार की होती है:
- व्यक्तिगत पूर्ति अनुसूची
- बाजार पूर्ति अनुसूची
6. व्यक्तिगत पूर्ति अनुसूची से क्या अभिप्राय है:
उत्तर: यह एक फर्म की पूर्ति अनुसूची है जो फर्म द्वारा विभिन्न संभव कीमतों पर की जाने वाली पूर्ति को प्रकट करती है।
7. बाजार पूर्ति अनुसूची से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: बाजार में किसी विशेष वस्तु का उत्पादन करने वाली सभी फर्मों की पूर्ति का जोड़ बाजार पूर्ति अनुसूची कहलाती है।
8. पूर्ति वक्र से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: पूर्ति अनुसूची का रेखाचित्रीय प्रस्तुतीकरण पूर्ति वक्र कहलाता है। पूर्ति वक्र दो प्रकार का होता है – व्यक्तिगत पूर्ति वक्र और बाजार पूर्ति वक्र।
9. व्यक्तिगत पूर्ति वक्र क्या होता है?
उत्तर: एक फर्म की पूर्ति अनुसूची का रेखाचित्रीय प्रस्तुतीकरण व्यक्तिगत पूर्ति वक्र कहलाता है।
10. बाजार पूर्ति वक्र क्या होता है?
उत्तर: बाजार पूर्ति अनुसूची का रेखाचित्रीय प्रस्तुतीकरण बाजार पूर्ति वक्र कहलाता है।
11. पूर्ति का नियम क्या है?
उत्तर: अन्य बातें समान रहने पर किसी वस्तु की अपनी कीमत बढ़ने पर पूर्ति बढ़ जाती है तथा किसी वस्तु की अपनी कीमत कम होने पर पूर्ति कम हो जाती है इसे पूर्ति का नियम कहते हैं।
12. पूर्ति में परिवर्तन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: वस्तु की अपनी कीमत स्थिर रहने पर अन्य तत्वों में परिवर्तन के कारण जब पूर्ति की मात्रा बदलती है तो उसे पूर्ति में परिवर्तन कहते हैं।
13. पूर्ति में विस्तार से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: अन्य बातें समान रहने पर किसी वस्तु की कीमत बढ़ने पर जब उसकी पूर्ति बढ़ती है तो इसे पूर्ति का विस्तार कहते हैं।
14. पूर्ति में संकुचन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: अन्य बातें समान रहने पर किसी वस्तु की कीमत घटने पर जब उसकी पूर्ति घट जाती है उसे पूर्ति का संकुचन कहते हैं।
15. पूर्ति में वृद्धि से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: वस्तु की अपनी कीमत स्थिर रहने पर यदि किसी वस्तु की पूर्ति बढ़ जाती है अथवा कीमत कम रहने पर भी पूर्ति समान रहती है तो यह पूर्ति में वृद्धि कहलाती है।
16. पूर्ति में कमी से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: वस्तु की अपनी कीमत समान रहने पर यदि किसी वस्तु की पूर्ति घट जाती है और कीमत बढ़ने पर भी पूर्ति समान रहती है इसे पूर्ति में कमी कहते हैं।
17. पूर्ति की लोच से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: किसी वस्तु की कीमत में होने वाले परिवर्तन के फलस्वरुप उसकी पूर्ति में होने वाले परिवर्तन के माप को पूर्ति की लोच कहा जाता है।
18. पूर्ति की कीमत लोच क्या होती है?
उत्तर: कीमत में होने वाले प्रतिशत परिवर्तन तथा उसके कारण पूर्ति में होने वाले प्रतिशत परिवर्तन के अनुपात को पूर्ति की कीमत लोच कहा जाता है।
Formula: Es= ΔQ/ΔP . P/Q
19. अधिक लोचदार पूर्ति किसे कहते हैं?
उत्तर: जब कीमत में होने वाले प्रतिशत परिवर्तन की तुलना में पूर्ति में अधिक अनुपात में परिवर्तन होता है तब पूर्ति को अधिक लोचदार कहा जाता है।
20. पूर्ति कम लोचदार कब होती है?
उत्तर: कीमत में होने वाले परिवर्तन की तुलना में जब पूर्ति में कम अनुपात में परिवर्तन होता है उसे कम लोचदार पूर्ति कहते हैं।
21. शून्य लोचदार पूर्ति से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: जब कीमत में होने वाले परिवर्तन का पूर्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता उसे शून्य लोचदार पूर्ति कहते हैं।