सांख्यिकी के प्रयोग की निम्नलिखित सीमाएँ हैं:
(1) सांख्यिकी में केवल संख्यात्मक तथ्यों का अध्ययन किया जाता है: सांख्यिकी के अध्ययन के दौरान केवल उन तथ्यों का अध्ययन किया जाता है जिन्हें संख्याओं के रूप में दिखाया जा सकता है। ऐसे तथ्य जिनको संख्याओं के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता जैसे स्वास्थ्य, प्रेम, देशभक्ति, इमानदारी, मित्रता आदि का सांख्यिकी के प्रयोग से अध्ययन नहीं किया जा सकता।
(2) आँकड़े एक जैसे होने चाहिएँ: आँकड़ों की तुलना तभी संभव है जब एकत्रित किए हुए आँकड़े एक समान हों तथा एक ही गुण वाले हों। विभिन्न प्रकार के गुणों वाले आँकड़ों की परस्पर तुलना नहीं की जा सकती। इसलिए यह भी सांख्यिकी की एक सीमा है। उदाहरण के लिए आलू के उत्पादन की मात्रा और जूतों के उत्पादन की मात्रा की आपस में कोई तुलना नहीं की जा सकती।
(3) सांख्यिकी में केवल समूहों का अध्ययन किया जाता है: सांख्यिकी में किसी एक इकाई से संबंधित कोई जानकारी जो संख्यात्मक है उसका अध्ययन नहीं किया जा सकता। सांख्यिकी में ऐसी जानकारियाँ जो संख्यात्मक रूप में हैं और समूह में हैं, उनका अध्ययन किया जाता है। उदाहरण के लिए किसी एक व्यक्ति की आय, किसी एक व्यक्ति का व्यय आदि संख्यात्मक तथ्यों का सांख्यिकी में अध्ययन नहीं किया जा सकता।
(4) सांख्यिकी के परिणाम औसत रूप से ही सत्य होते हैं: जब जनसंख्या का आकार बहुत बड़ा होता है तो सांख्यिकीय नियमों का पालन कर के बहुत सारी परिस्थितियों में, विश्लेषण को आसान बनाने के लिए, औसत का प्रयोग किया जाता है। लेकिन औसत पूरी जनसंख्या की समग्र विशेषताओं को प्रकट नहीं करता। उदाहरण के लिए हम हर देश की प्रति व्यक्ति आय औसत के रूप में निकालते हैं, परंतु देश में बहुत सारे व्यक्तियों की आय उस औसत संख्या से अधिक और कम भी होती है।
(5) अपूर्ण जानकारी से गलत निष्कर्ष निकलते हैं: यह भी सांख्यिकी की एक सीमा है कि जब आँकड़ों से संबंधित पूर्ण जानकारी हमारे पास नहीं होती तो केवल प्रस्तुत आँकड़ों का विश्लेषण करके निकाले गए निष्कर्ष गलत साबित होते हैं।
(6) हर व्यक्ति सांख्यिकीय विधियों का प्रयोग नहीं कर सकता: सांख्यिकी की अन्य सीमा यह है कि जो व्यक्ति सांख्यिकी के सभी नियम और विधियों को भली प्रकार से सीख लेता है वही सांख्यिकी का अच्छे से प्रयोग कर सकता है। हर व्यक्ति सांख्यिकी विधियों का अच्छे से प्रयोग नहीं कर सकता।
(7) सांख्यिकी का दुरुपयोग बहुत आसान है: सांख्यिकी की अन्य सीमा यह है कि सांख्यिकी का दुरुपयोग बहुत आसान है और सामान्य है। किसी भी देश की राजनीतिक पार्टियाँ या प्रभावशाली व्यक्ति परिणाम को अपने पक्ष में दिखाने के लिए सांख्यिकीय विश्लेषण का गलत प्रयोग कर सकते हैं।